प्रसन्न रहो
बच्चों के लिए योग
बच्चे हमारा भविष्य तो है, परन्तु शिक्षित उन्हें अभी से ही किया जाना चाहिए ताकि वे अपने लिए नैतिक मूल्य स्थापित कर सके | आज के समाज में उन्हें शिक्षित करना अधिक कठिन हो गया है, क्योंकि उन पर हर प्रकार की सूचनाओं की बौछार हो रही है, मस्तिष्क शोर से भर गया है तथा चित्त को प्रदूषित कर रहा है |बाहरी प्रभाव इतने शक्तिशाली है, और प्रस्तुत उदाहरण इतने अनुचित कि, मन स्वस्थ बन पाए | केवल एक ही उपाय है, ध्यान, जिसके द्वारा वे अपने आतंरिक गुणों का विकास कर सकते है, जो की उनके जीवन को प्रभावित करने वाले निर्णयों को करते समय मार्ग-दर्शक प्रकाश होगा, कि क्या उनके लिए उचित और फ़ायदेमंद है और क्या गलत है |
"अन्तर्निहित सौंदर्य के साथ पवित्रता की खूबसूरती को प्राप्त करने के लिए, आपको शिशुसम स्वच्छ ह्रदयवान होना होगा |पवित्रता के अभाव में वे किसी चीज का आनंद प्राप्त नहीं कर पाएंगे |"
श्री माताजी निर्मला देवी