अब,क्या करना होगा ?
चलो साथ में अभ्यास करें
ध्यान की इस विधि में प्रगति करने, गहराई पाने और आदान-प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका सामूहिकता में इसका अभ्यास है, और इसको प्राप्त करने के लिए आप हमारे निशुल्क जन कार्यक्रमों में भाग लें |
संपर्क करेंआत्मसाक्षात्कार की विधि,हम में से हर एक में स्थित इच्छा-शक्ति और क्रिया शक्ति तथा कुछ कथन और क्रियाओं का उपयोग कर की जाती है | ज़मीन अथवा कुर्सी पर बैठे,जूतों के बिना बेहतर आरामदेह होगा |कुछ गहरी श्वास लें ,दिन भर के तनाव को जाने दें और अपनी आंतरिक शांति को अनुभव करने के लिए स्वयं को कुछ समय दें | शांत भाव से आगे की क्रियाएं करें ,बताए गए तरीके से हाथ रखें तथा प्रश्न और कथन करें | एक खुला और खरा भाव रखें, किसी आकलन या अपेक्षा में ना पड़ के अपनी अनुभूति को देखें और आनंद लें | हम स्वयं की उर्जा को “माँ” संबोधित कर सकते है |प्रार्थनाओं को जितनी बार भी बताया गया है दोहराएं| चित्त को अपने ही अंदर बनाए रखने के लिए, सारे अभ्यास के दौरान आँखों को बंद रखने का प्रयास रखें |
यदि आप चाहे तो ध्यान का संगीत सुन सकते है |
अपना दायाँ हाथ हृदय पर रख धीरे धीरे तीन बार कहे ; माँ क्या में आत्मा हूँ ?
अब यही हाथ पेट के बायें और ऊपर की तरफ़ रखे और तीन बार कहें ; “माँ क्या में स्वयं का गुरु हूँ” ?
दायाँ हथेली पेट के निचले बायें तरफ हल्का सा दबाए,छह बार कहें ; "माँ,कृपया मुझे सत्य का ज्ञान दीजिये"
अपनी दायीं हथेली पेट के बाएँ और फिर से रखे और दस बार कहें ; "माँ,मैं स्वयं का गुरु हूँ"
दायाँ हाथ हृदय पर रख कर विश्वास से बारह बार कहें ; "माँ, मैं शुद्ध आत्मा हूँ"
दायाँ हाथ गर्दन की बायें और रख कर चेहरा दायीं और मोड़िये और सोलह बार दोहराए ; "माँ, मैं किसी भी प्रकार से दोषी नहीं हूँ"
अब अपना सीधा हाथ अपने कपाल पर रखे और कई बार कहें ; "माँ, मैं सभी को क्षमा करता हूँ और स्वयं को भी क्षमा करता हूँ"
अब आगे, यही हाथ सर के पीछे रख कर कई बार कहें ; "माँ, यदि मैने जानते हुए या अनजाने में अपनी आत्मा के विरोध में कोई गलती की हो तो कृपया मुझे क्षमा करें"
अपनी आँखों को बंद ही रखते हुए दायां हाथ सर के ठीक उपर रखें, तालू की चमड़ी को घड़ी की सूई की दिशा में घुमाते हुए नम्रता पूर्वक माँगें : "माँ, कृपया मुझे मेरा आत्मसाक्षात्कार प्रदान कीजिए"
अब, कुछ मिनट निर्विचार चेतना में रहें |
अब, हाथ अपने सर से कुछ इंच उपर उठाए,और देखें क्या महसूस होता है | अब, दूसरे हाथ से महसूस करें, देखें अनुभूति में वही है, या कुछ अलग है, फर्क महसूस करें |
ध्यान की इस विधि में प्रगति करने, गहराई पाने और आदान-प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका सामूहिकता में इसका अभ्यास है, और इसको प्राप्त करने के लिए आप हमारे निशुल्क जन कार्यक्रमों में भाग लें |
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